आपने आज तक बहुत सारी moral story और इंस्पिरेशनल स्टोरी सुनी और पढ़ी होगी लेकिन हम आज आपसे एक ऐसी रियल लाइफ स्टोरी हिंदी में शेयर करने जा रहे है विद्या क्यों नष्ट हो गयी? Real Life Inspirational Story, please आखिर तक इस पोस्ट को पढ़े.
इस कहानी से आपको एक और inspirational मिलेगी हमे अयोग्य लोगो के साथ वो विद्या, ज्ञान बाटना नहीं चाहिए जिससे की उस vidya का अपमान हो कुछ ऐसा ही हुआ है ध्यान से पढ़े और समझे.
Best Inspirational Story
बात पुराने time की है किसी नगर में एक राजा रहता था उस राजा का नाम रामकुंवार था उसके राज्य में देवदत्त शर्मा नाम का एक पंडित रहता था पंडित बहुत सुलझा और सीधा व्यक्ति था.
उसका एक बेटा था उसका नाम दिवाकर था बचपन से ही बहुत शैतान था देवदत्त भी उसे कुछ नहीं कहते थे बच्चा है बड़ा होकर सब समझ जायेगा.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ पंडित देवदत्त का बेटा गलत संगती के कारण एक बड़ा जुआरी बन गया.
दिवाकर ने अपने पिता का सारा धन जुए में लुटा दिया ब्राह्मण ने उसे घर से निकाल दिया वह पास के किसी दूसरे नगर में पहुँचा.
जब दिवाकर नये जगह आया तो उसे वहाँ एक महाराज मिला, साधू ने उसे हैरान देखकर उसने कारण पूछा तो उसने सब सही-सही बता दिया योगी ने कहा लो पहले कुछ खा लो फिर बात करते है.
यह सुनकर पंडित के बेटे ने कुछ भी खाने से इंकार कर दिया और कहा में एक ब्राह्मण का बेटा हूँ आपकी मांगी भिक्षा कैसे खा सकता हूँ.
लड़के की बात सुनकर योगी ने अपनी सिद्धि को याद किया वह प्रगट होकर सामने आयी.
योगी ने उससे कहा की तुम इस आदमी की आवभगत करो सिद्धि ने एक सोने का महल बनवाया और दिवाकर यानि पंडित का बेटा रात को अच्छी तरह सोया.
जब सबेरे जल्दी उठकर उसने देखा कि महल आदि कुछ भी नहीं है उसने योगी से कहा महाराज रात वाली स्त्री कहा है में उस स्त्री के बिना मैं नहीं रह सकता हूँ.
दोस्तों ध्यान दीजिये ये कहानी अब शुरू होती है, इस पर योगी ने कहा तुम्हें उसके लिए hard work karna hoga वो औरत तुम्हें एक विद्या प्राप्त करने से मिलेगी और वह विद्या जल के अन्दर खड़े होकर मंत्र जपने से मिलेगी.
महाराज ने कहा जब वह लड़की तुम्हें मेरी सिद्धि से मिल सकती है तो तुम विद्या प्राप्त करके क्या करोगे?
साधू की ये बात सुनकर दिवाकर ने self confidence दिखाया और कहा नहीं मैं स्वयं खुद वैसा करूँगा.
इस पर योगी बोला कहीं ऐसा न हो कि तुम विद्या प्राप्त न कर पाओ और मेरी सिद्धि भी नष्ट हो जाय पर दिवाकर नहीं माना.
योगी ने उसे नदी के किनारे ले जाकर मंत्र बता दिये और कहा कि जब तुम जप करते हुए माया से मोहित होगे तो मैं तुम पर अपनी विद्या का प्रयोग करूँगा.
उस समय तुम अग्नि में प्रवेश कर जाना यह कहकर साधु उसके के पास से दूर आकर देखने लगा.
दिवाकर मंत्रो का जप करने लगा जब वह माया से एकदम मोहित हो गया तो देखता क्या है कि वह किसी ब्राह्मण के बेटे के रूप में पैदा हुआ है.
उसकी शादी marriage हो गयी उसके बाल-बच्चे भी पैदा हो गये वह अपने जन्म की बात भूल गया तभी योगी ने अपनी विद्या का प्रयोग किया.
अब दिवाकर माया रहित होकर अग्नि में प्रवेश करने को तैयार हुआ उसी समय उसने देखा कि उसे मरता देख उसके माँ-बाप और दूसरे लोग रो रहे हैं और उसे आग में जाने से रोक रहे हैं.
अब पंडित के लड़के ने सोचा कि मेरे मरने पर ये सब भी मर जायेंगे और पता नहीं कि योगी की बात सच हो या न हो.
वह डरता-डरता आग में घुसा तो आग ठंडी हो गयी और माया भी शान्त हो गयी ये सब देखकर दिवाकर चकित होकर योगी के पास भागा-भागा आया और उसे सारा हाल बता दिया.
जब महाराज ने पूरी बात सुनी तो बोला बालक इस से तो जान पड़ता है कि तुम्हारे करने में कोई कसर रह गयी होगी वरना ऐसा होना असंभव है.
योगी ने स्वयं सिद्धि की याद की पर वह भी नहीं आयी इस तरह योगी और दिवाकर दोनों की विद्या नष्ट हो गयी.
ये सब क्यों हुआ पंडित के बेटे दिवाकर के मन में शंका हुई कि पता नहीं योगी की बात सच होगी या नहीं इसलिए उस महाराज की विद्या नष्ट हुई क्योंकि उसने अपात्र को विद्या दी.
ये inspirational story हमे यह सीख देती है की हमे भी अगर कोई एक योग्य बात किसी को बतानी है तो यह जरूर check करले की जिसे आप बताने जा रहे है वो उसके काबिल है भी या नहीं.
ताकि बाद में पछताना न पड़े, कैसी लगी आपको ये विद्या क्यों नष्ट हो गयी? Real Life Inspirational Story प्रेरणादायक कहानी हमे कमेंट करके बताये.
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Really amazing article … very nice … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
Very Inspirational Story